इजरायल Vs हमास: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी में चल रहे लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने और बंधकों की रिहाई के लिए एक ऐतिहासिक समझौते की घोषणा की है। नेतन्याहू ने अपनी सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसमें इस समझौते को मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम लागू होने की उम्मीद है, जिसे शांति प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अगले सप्ताह 33 बंधक होंगे रिहा
इस समझौते के तहत, हमास अगले सप्ताह 33 बंधकों को रिहा करेगा। इन बंधकों में कई नागरिक शामिल हैं, जिन्हें गाजा में आतंकवादियों ने कैद कर रखा था। बंधकों की रिहाई के बदले में इजरायल भी कई फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। इस प्रक्रिया से 15 महीने से जारी युद्ध पर विराम लगने की संभावना है।

नेतन्याहू का बयान और तैयारियां
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस समझौते की पुष्टि करते हुए कहा, “हमने एक विशेष टास्क फोर्स को गाजा से लौटने वाले बंधकों के स्वागत के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। बंधकों के परिवारों को समझौते की जानकारी दे दी गई है। अब हमारी प्राथमिकता इन नागरिकों को सुरक्षित रूप से घर लाना है।”
विस्थापित फलस्तीनियों को मिलेगी राहत
यह समझौता गाजा में हजारों विस्थापित फलस्तीनियों को अपने घरों के अवशेषों पर लौटने की अनुमति देगा। हालिया संघर्ष के दौरान इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 72 लोग मारे गए थे, जिनमें महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक थी। यह संघर्ष दोनों पक्षों के लिए मानवीय संकट और जान-माल की भारी हानि का कारण बना।
देरी का कारण और विवाद
युद्धविराम पर समझौते में देरी के पीछे अंतिम समय में हुए विवाद को जिम्मेदार ठहराया गया है। इजरायल ने कहा कि हमास ने समझौते के कुछ हिस्सों में नई मांगें रखीं, जिनमें फिलाडेल्फी कॉरिडोर में इजरायली बलों की तैनाती से संबंधित मुद्दे शामिल थे। इजरायली सरकार के प्रवक्ता डेविड मेन्सर ने हमास पर रियायतें प्राप्त करने के लिए समझौते से मुकरने का आरोप लगाया। हालांकि, हमास के वरिष्ठ अधिकारी इज्जत अल-रिश्क ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संगठन मध्यस्थों द्वारा घोषित युद्धविराम योजना के प्रति प्रतिबद्ध है।