Monday, June 16, 2025
Homeदेशइजरायल से रिश्ते तोड़ने की मांग, मुस्लिम संगठन ने भारत से की...

इजरायल से रिश्ते तोड़ने की मांग, मुस्लिम संगठन ने भारत से की बड़ी मांग

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें आठ प्रमुख प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इनमें से एक प्रस्ताव फिलिस्तीन-इजरायल युद्ध से संबंधित था। पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने भारत सरकार से इजरायल के साथ सभी रणनीतिक संबंध समाप्त करने की मांग की और इजरायल पर युद्ध समाप्त करने के लिए दबाव डालने की अपील की।

इजरायल पर अवैध कब्जे का आरोप

प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि फिलिस्तीन का मुद्दा अत्यंत महत्वपूर्ण है और भारत का रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है कि वह दो राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन करता है। उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि इजरायल ने इस क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है। फिलहाल वहां युद्ध चल रहा है और हजारों लोग मारे जा चुके हैं। यह आश्चर्य की बात है कि अब भी बड़े देश इजरायल का समर्थन कर रहे हैं।” बोर्ड ने इस स्थिति की निंदा की और कहा कि मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया भी संतोषजनक नहीं है।

भारत से हस्तक्षेप की मांग

इलियास ने कहा कि बोर्ड सरकार से इजरायल के साथ सभी रणनीतिक संबंध खत्म करने और युद्ध विराम के लिए दबाव बनाने का आग्रह करता है। उन्होंने कहा, “हमारे देश को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए, जैसा कि हमने रूस-यूक्रेन युद्ध में किया था।”

उपासना स्थल अधिनियम का उल्लेख

प्रवक्ता ने बाबरी मस्जिद का उदाहरण देते हुए उपासना स्थल अधिनियम 1991 का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “सभी लोग सोचते हैं कि बाबरी मस्जिद भारत का आखिरी धार्मिक विवाद होगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नए विवाद अब भी सामने आ रहे हैं। हम अदालत में पेश कर रहे हैं कि इन विवादों को उपासना स्थल अधिनियम के तहत नहीं माना जाना चाहिए। हम सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करते हैं कि नवीनतम विवादों में धार्मिक अधिनियम को भी शामिल किया जाए।”

मॉब लिंचिंग का मुद्दा

इलियास ने मॉब लिंचिंग के मामलों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हाल ही में आए लोकसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि मतदाताओं ने नफरत और दुश्मनी की भावना के खिलाफ मतदान किया है। इसके बावजूद मॉब लिंचिंग के मामलों में कमी नहीं आई है। चुनाव नतीजों के बाद मॉब लिंचिंग के 11-12 मामले सामने आ चुके हैं। ये बर्बर कृत्य कानून के शासन को कमजोर करते हैं। अगर किसी ने अपराध किया है तो उसे सजा देना कानून का अधिकार है।”

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!