नई दिल्ली: आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 40वीं पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। उनके योगदानों को नमन करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंदिरा गांधी स्मारक पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल गांधी के साथ कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी इस मौके पर इंदिरा गांधी की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की।
#WATCH दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर इंदिरा गांधी स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। pic.twitter.com/TdGjOROPGO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 31, 2024
इंदिरा गांधी का जीवन और राजनीतिक सफर
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को जवाहरलाल नेहरू के घर में हुआ था। बचपन से ही उनमें नेतृत्व की अद्भुत क्षमता और राजनीतिक दूरदर्शिता थी। महज 11 वर्ष की उम्र में इंदिरा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ बच्चों की एक वानर सेना बनाई, जो स्वतंत्रता आंदोलन में उनके अद्वितीय योगदान का प्रतीक बनी। वर्ष 1938 में इंदिरा गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में औपचारिक तौर पर शामिल होकर राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
नेहरू के प्रधानमंत्री बनने के बाद इंदिरा ने उनके साथ नजदीकी से काम किया और राजनीति में अनुभव हासिल किया। जब 1964 में लाल बहादुर शास्त्री का निधन हुआ, तो 1966 में इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने इस पद पर रहते हुए अपने सशक्त नेतृत्व से देश को एक नई दिशा दी।
इंदिरा गांधी का बलिदान और उनकी अमर विचारधारा
31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या उनके दो सुरक्षा गार्डों, सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने 1, सफदरजंग रोड स्थित आवास पर कर दी थी। इस हादसे के ठीक एक दिन पहले, 30 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी ने भुवनेश्वर में एक जनसभा को संबोधित किया था। अपने भाषण में उन्होंने कहा था, “मैं आज यहां हूं, कल शायद न रहूं। मुझे चिंता नहीं है। मैं रहूं या न रहूं, मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपने लोगों की सेवा में अपना जीवन बिताया है। मेरी आखिरी सांस तक मैं ऐसा करती रहूंगी। जब मैं मरूंगी तो मेरे खून का एक-एक कतरा भारत को मजबूत करने में लगेगा।”