नई दिल्ली: दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) विधायक दल की बैठक में दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री के तौर पर आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गई है। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। उनसे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था।
आतिशी के नाम पर पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की मुहर
इससे पहले आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) ने भी आतिशी के नाम का सुझाव दिया था। PAC की बैठक 16 सितंबर को आयोजित की गई थी, जिसमें दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी का नाम चर्चा में आया। PAC के नेताओं ने उनके अनुभव और नीतियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया।
आतिशी के पास हैं कई अहम विभाग
अरविंद केजरीवाल सरकार में आतिशी के पास शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पर्यटन और पावर मंत्रालय समेत छह प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी है। खासतौर पर शिक्षा के क्षेत्र में उनके कार्यों को व्यापक सराहना मिली है। उनके नेतृत्व में दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति ने देशभर में एक नई मिसाल पेश की है।
अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा
अरविंद केजरीवाल ने 15 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि वे अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठेंगे जब जनता उन्हें पुनः ईमानदारी का प्रमाणपत्र देगी। आज केजरीवाल उप-राज्यपाल विनय सक्सेना से मिलकर औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंप देंगे। यह इस्तीफा तब आया जब दिल्ली आबकारी नीति मामले में उन्हें गिरफ्तारी और जेल का सामना करना पड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
केजरीवाल को 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई के मामले में जमानत मिली थी। इससे पहले ईडी मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी थी। 13 सितंबर को तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि वह अब जनता की अग्निपरीक्षा से गुजरना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री पद के लिए अन्य दावेदार भी थे चर्चा में
आतिशी का नाम आने से पहले पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया था कि अन्य संभावित दावेदारों में दिल्ली के मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज का नाम भी चर्चा में था। हालांकि, अंततः आतिशी का नाम आगे बढ़ा और विधायकों की सहमति से उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया गया।
केजरीवाल ने दी नवम्बर में चुनाव की अपील
इस्तीफे की घोषणा करते हुए केजरीवाल ने मांग की थी कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव नवम्बर में महाराष्ट्र विधानसभा के साथ कराए जाएं। उन्होंने कहा कि जनता के पास दोबारा जाने का यही सही समय है ताकि लोग उनके कामों का आकलन कर सकें और भविष्य के लिए सही निर्णय ले सकें।