नई दिल्ली: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को औपचारिक रूप से अपने पद का कार्यभार संभाल लिया। इस अवसर पर उन्होंने एक विशेष संकेत देते हुए अपनी कुर्सी के पास एक और कुर्सी खाली रखी, जिसे उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कुर्सी बताया। आतिशी ने कहा कि यह कुर्सी केजरीवाल का इंतजार कर रही है, जिनका हाल ही में इस्तीफा देने के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
आकाश आनंद की तीखी प्रतिक्रिया
आतिशी के इस कदम पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आतिशी का यह कार्य भारत के संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने आरोप लगाया कि आतिशी ने अपने पीछे लगी संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर का उपयोग करके केजरीवाल को संविधान से ऊपर रखा है, जो उनके द्वारा दी गई शपथ का उल्लंघन है।
आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर लिखा, “बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की तस्वीर लगाकर अरविंद केजरीवाल का खड़ाऊ रखकर अयोध्या के शासन का सपना देख रही श्रीमती आतिशी सिंह की यह तस्वीर गुमराह करने वाली है।” उन्होंने कहा कि यह स्थिति दिल्ली की जनता के साथ धोखा है और इससे पद की गोपनीयता प्रभावित होगी।
राम और भरत का उदाहरण
आतिशी ने अपनी नियुक्ति के बाद कहा कि जैसे राम के वनवास के बाद भरत ने खड़ाऊँ रखकर अयोध्या का शासन संभाला था, वह भी इसी भावना के साथ मुख्यमंत्री पद को संभालेंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह आगामी चुनाव तक ही इस पद पर रहेंगी और चुनाव के बाद, यदि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनती है, तो अरविंद केजरीवाल ही मुख्यमंत्री होंगे।
अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में जेल से बाहर आने के बाद 17 अगस्त को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने आतिशी को नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना। आतिशी की नियुक्ति पर पार्टी ने संकेत दिया था कि उनका उद्देश्य दिल्ली में विकास कार्यों को आगे बढ़ाना और चुनावी प्रक्रिया को सुचारू बनाना है।