जम्मू-कश्मीर: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह हमला उस समय हुआ जब देश पर्यटन सीजन में घाटी की ओर रुख कर रहा था। इस अमानवीय हमले के बाद जहां एक ओर देशभर में आक्रोश फैला, वहीं दूसरी ओर कश्मीर में रह रहे स्थानीय मुसलमानों ने इस हिंसा की खुले तौर पर निंदा की और शांति की अपील करते हुए कैंडल मार्च निकाले।
ओवैसी का बड़ा बयान: “कश्मीरी मुसलमानों को अपनाने का समय”
इस घटना के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए गए साक्षात्कार में केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा,

“कश्मीरी मुसलमानों ने इस नृशंस हमले की कड़ी निंदा की है। वास्तव में यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्हें इस मौके का सही इस्तेमाल करना चाहिए – पाकिस्तान का विरोध करें, लेकिन कश्मीरियों को भी गले लगाएं।”
ओवैसी ने जोर देते हुए कहा कि कश्मीरी जनता को उनके संवैधानिक अधिकार मिलना बेहद जरूरी है।
कश्मीरी छात्रों पर हमलों की घटनाओं पर चिंता
ओवैसी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा,
“कई बार देखा गया है कि किसी आतंकी घटना के बाद देश के अन्य राज्यों में कश्मीरी छात्रों के साथ मारपीट और भेदभाव किया जाता है। यह पूरी तरह गलत है। हमें इस मौके को गंवाना नहीं चाहिए।”
उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि कश्मीरियों को उनके हाल पर न छोड़ा जाए, बल्कि उन्हें देश की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास किए जाएं।
भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर ओवैसी का सवाल
AIMIM चीफ ने भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, तो सीजफायर की घोषणा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा क्यों की गई?

“क्या हम यह मान लें कि आतंकवादी फिर कभी हमला नहीं करेंगे? वे आज भी हमलों की तैयारी में लगे हैं। हमारे सैनिक बहादुरी से लड़ रहे हैं, लेकिन सीजफायर की घोषणा भारत सरकार को करनी चाहिए थी, न कि किसी विदेशी नेता को।”
मंत्री विजय शाह के विवादित बयान पर भी बरसे ओवैसी
ओवैसी ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह द्वारा दिए गए विवादित बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा,
“ऐसे बयान सेना और देश की महिलाओं के मनोबल को तोड़ते हैं। बीजेपी सरकार को उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल से हटाकर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए और जेल भेजना चाहिए।”