अयोध्या, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या दौरे के दौरान एक बड़ा बयान दिया है, जो चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि उनकी तीन पीढ़ियां श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के लिए समर्पित थीं। अगर श्रीराम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़ेगी, तो इसमें कोई समस्या नहीं है।

रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की। इसके अलावा, उन्होंने हनुमानगढ़ी में भी दर्शन किए। उनका यह दौरा करीब 5 घंटे का रहा, जिसमें उन्होंने अयोध्या के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि अयोध्या को उसकी प्राचीन पहचान और सम्मान दिलाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
दीपोत्सव को बताया समाज का पर्व
सीएम योगी ने कहा कि 2017 में जब अयोध्या में दीपोत्सव को बड़े स्तर पर आयोजित करने का निर्णय लिया गया, तब सरकार का उद्देश्य था कि अयोध्या को उसकी गौरवशाली पहचान मिल सके। उन्होंने कहा, “आज अयोध्या का दीपोत्सव केवल एक आयोजन नहीं बल्कि समाज का एक पर्व बन गया है।”

राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़ी तो कोई समस्या नहीं
सीएम योगी ने कहा कि जब उन्होंने अयोध्या में दीपोत्सव शुरू किया, तब कुछ लोग कह रहे थे कि इससे विवाद खड़ा हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया, “अगर राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़ेगी तो कोई समस्या नहीं होगी। हम सत्ता के लिए नहीं आए हैं, बल्कि सेवा के लिए आए हैं।”
सनातन धर्म की आधार भूमि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या भारत के सनातन धर्म की आधार भूमि है और सप्तपुरियों में प्रथम है। उन्होंने ‘Timeless Ayodhya: Literature & Arts Festival’ में भी भाग लिया और कहा कि रामायण विश्व का पहला महाकाव्य है, जो आज भी लोगों के हृदय को छू रहा है। उन्होंने रामायण की सांस्कृतिक महत्ता पर भी प्रकाश डाला।