वाशिंगटन, अमेरिका: व्हाइट हाउस में अमेरिका पर लगाए गए टैरिफ को लेकर उच्च स्तरीय चर्चा आयोजित की गई। इस बैठक में विभिन्न देशों द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्पादों पर लगाए जाने वाले टैरिफ का विश्लेषण किया गया, जिसमें विशेष रूप से भारत और कनाडा का उल्लेख किया गया। इस दौरान व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेट्री कैरोलिन लेविट ने कहा कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर अत्यधिक टैरिफ लगाकर लाभ कमाता है।

भारत में अमेरिकी उत्पादों पर ऊंचे टैरिफ को लेकर चिंता
प्रेस वार्ता के दौरान कैरोलिन लेविट ने भारत के टैरिफ नीतियों का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा,
“भारत में अमेरिकी शराब पर 150 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाता है, जबकि अमेरिकी कृषि उपकरणों पर 100 प्रतिशत का कर लगाया जाता है। यह व्यापार संतुलन के लिए उचित नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पारस्परिक (Reciprocal) और समान व्यापार नीतियों की वकालत कर रहे हैं, जिससे अमेरिकी उद्योगों और श्रमिकों को लाभ मिल सके।
#WATCH | Washington, DC: Press Secretary Karoline Leavitt says, "…Look at India, 150 per cent tariff on American alcohol. Do you think that's helping Kentucky Bourbon be exported to India? I don't think so. 100 per cent tariff on agricultural products from India…President… pic.twitter.com/fctjCHogsv
— ANI (@ANI) March 11, 2025
कनाडा की व्यापार नीतियों पर भी सवाल
कैरोलिन लेविट ने भारत के साथ-साथ कनाडा की टैरिफ नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कनाडा दशकों से अमेरिका और यहां के मेहनती नागरिकों का आर्थिक शोषण कर रहा है।
“अगर आप कनाडा द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ को देखें, तो यह एक गंभीर मुद्दा है। कनाडा अमेरिकी पनीर और मक्खन पर करीब 300 प्रतिशत टैरिफ लगाता है।”
उन्होंने कहा कि यह अमेरिका के किसानों और उत्पादकों के लिए एक बड़ी चुनौती है और ट्रंप प्रशासन इसे लेकर कड़े कदम उठाने के पक्ष में है।

ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकता – अमेरिकी व्यापार और श्रमिकों का हित
व्हाइट हाउस में आयोजित इस प्रेस वार्ता के दौरान लेविट ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी व्यापार और श्रमिकों के हित को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस संदर्भ में उन्होंने जापान का भी जिक्र किया और कहा कि जापान समेत कई देश अमेरिका के उत्पादों पर अधिक कर लगा रहे हैं, जिससे अमेरिकी उद्योगों को नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति इस असमान व्यापारिक स्थिति को संतुलित करने के लिए कड़े कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ट्रंप प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अमेरिका के उत्पादों को वैश्विक बाजार में समान अवसर मिलें और उन पर अनुचित कर न लगे।