वाशिंगटन, अमेरिका: रमजान के पवित्र महीने के अवसर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पहली इफ्तार पार्टी की मेजबानी की। हालांकि, यह इफ्तार पार्टी विवादों में घिर गई है क्योंकि अमेरिकी मुस्लिम सांसदों और समुदाय से जुड़े नेताओं को इसमें आमंत्रित नहीं किया गया। इसके विपरीत, मुस्लिम देशों के विदेशी राजदूतों को इफ्तार डिनर में शामिल होने का न्योता दिया गया था।

मुस्लिम सांसदों को नहीं भेजा गया न्योता
व्हाइट हाउस में आयोजित इस इफ्तार पार्टी में अमेरिकी मुस्लिम समुदाय के नेताओं और मुस्लिम सांसदों की अनुपस्थिति को लेकर कड़ी आलोचना हो रही है। व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी आयोजित करने की परंपरा करीब दो दशक पुरानी है, लेकिन ट्रंप प्रशासन द्वारा अपनाई गई इस नीति को असंवेदनशील करार दिया जा रहा है।
मुस्लिम सांसदों ने इसे राष्ट्रपति ट्रंप की मुस्लिम विरोधी नीतियों का प्रतीक बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन मुस्लिम समुदाय के प्रति असहिष्णुता दिखा रहा है।
Pres. Trump hosted his second annual iftar dinner on Monday night at the White House. The dinner, which breaks the daily fast of Ramadan for Muslims around the world, was attended by various Muslim diplomatic leaders. https://t.co/xXdycS4QiV pic.twitter.com/ZT3vZiAP2C
— ABC News (@ABC) May 14, 2019
ट्रंप ने इफ्तार डिनर में क्या कहा?
इफ्तार डिनर की मेजबानी करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “मैं आप सभी का व्हाइट हाउस में स्वागत करता हूं। हम इस्लाम के पवित्र महीने रमजान का जश्न मना रहे हैं। यह बहुत ही बेहतरीन महीना है और दुनियाभर के मुस्लिमों को रमजान मुबारक। हम दुनिया के बेहतरीन धर्मों में से एक धर्म का सम्मान करते हैं।”

मुस्लिम नेताओं ने व्हाइट हाउस के बाहर किया प्रदर्शन
ट्रंप की इस इफ्तार पार्टी को लेकर मुस्लिम समुदाय में रोष देखने को मिला। व्हाइट हाउस के बाहर कई मुस्लिम सिविल राइट्स ग्रुप ने इस आयोजन के विरोध में प्रदर्शन किया। ‘Not Trump’s Iftar’ नामक विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति ट्रंप की कथनी और करनी में अंतर की आलोचना की।