अमेरिका: अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार को 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका देहांत जॉर्जिया के छोटे से शहर प्लेन्स में स्थित उनके घर पर हुआ। जिमी कार्टर का जन्म 1 अक्टूबर 1924 को हुआ था और उन्होंने 1977 से 1981 तक अमेरिका का नेतृत्व किया। वह डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे और 1977 में आर फोर्ड को हराकर इस पद पर पहुंचे थे।
राजनीति के साथ मानवता के प्रति समर्पण
जिमी कार्टर का जीवन केवल राजनीति तक सीमित नहीं था। वह व्यवसायी, नौसेना अधिकारी, लेखक और एक कुशल कारपेंटर भी थे। राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद उन्होंने 1982 में ‘कार्टर सेंटर’ की स्थापना की, जो लोकतांत्रिक चुनावों में पारदर्शिता लाने, मानवाधिकारों का समर्थन करने और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने जैसे कार्यों में जुटा रहा।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित
जिमी कार्टर को 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें मानवाधिकारों को प्रोत्साहित करने और मध्य पूर्व में शांति कायम करने में उनकी भूमिका के लिए दिया गया था। उनके कार्यकाल के दौरान अमेरिका के मिडिल ईस्ट संबंधों की नींव पड़ी।
स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते हुए भी रहे सक्रिय
पिछले कई वर्षों से जिमी कार्टर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। 2016 में उन्हें चौथे स्टेज का कैंसर हुआ, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने मानवता के कार्यों में सक्रियता बनाए रखी। उनकी पत्नी रोजलिन का भी इसी वर्ष नवंबर में निधन हो गया था।
जो बाइडन ने जताया शोक
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जिमी कार्टर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह अमेरिका और दुनिया के लिए एक दुखद दिन है। जिमी कार्टर एक महान राजनेता और मानवतावादी थे। मैंने एक अच्छा दोस्त खो दिया। वह हमेशा नागरिक अधिकारों और मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रहे।”
जॉर्जिया के गवर्नर से अमेरिका के राष्ट्रपति तक का सफर
जिमी कार्टर ने 1971 से 1975 तक जॉर्जिया के गवर्नर के रूप में अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में एक प्रभावशाली कार्यकाल पूरा किया। उनके कार्यकाल में उन्होंने कई प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया और देश को नई दिशा दी।