शोपियां में बीजेपी नेता की हत्या: जम्मू और कश्मीर के शोपियां जिले के हीरपोरा इलाके में आतंकियों द्वारा की गई फायरिंग में बीजेपी नेता और पूर्व सरपंच एजाज अहमद की जान चली गई। इस घटना ने क्षेत्र में भय और चिंता की लहर दौड़ा दी है। गोलीबारी के बाद, एजाज अहमद को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
#WATCH | Jammu and Kashmir: Last rites of BJP leader and ex-Sarpanch Aijaz Ahmad Sheikh being performed in Shopian
— ANI (@ANI) May 19, 2024
He was shot dead by terrorists yesterday in Heerpora, Shopian. pic.twitter.com/OsDGnINWRE
अनंतनाग में पर्यटकों पर हमला
अनंतनाग के पहलगाम इलाके में राजस्थान के एक कपल पर आतंकियों ने गोलीबारी की। जयपुर के रहने वाले फरहा और तबरेज को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने पहलगाम में एक टूरिस्ट कैंप को निशाना बनाया था।
सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
दोनों घटनाओं की जानकारी मिलते ही सुरक्षा बलों की टीमें तुरंत इलाके में पहुंचीं और घेराबंदी कर सर्च अभियान शुरू किया गया। शोपियां के हीरपोरा इलाके में हुए हमले के बाद, सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और संभावित आतंकियों की तलाश शुरू कर दी।
नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
महबूबा मुफ्ती
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने इन घटनाओं की निंदा की और एक एक्स पोस्ट में कहा, “हम आज पहलगाम में हुए हमले की निंदा करते हैं, जिसमें दो पर्यटक घायल हो गए और इसके बाद शोपियां के हीरपोरा में एक सरपंच पर हमला हुआ। इन हमलों का समय चिंता का विषय है, जहां दक्षिण कश्मीर में बिना किसी कारण के चुनाव में देरी की जा रही है। यह चिंता की बात इसलिए भी है क्योंकि विशेष रूप से भारत सरकार लगातार यहां सामान्य स्थिति के दावे कर रही है।”
फारूक और उमर अब्दुल्ला
जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी इन आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि क्रूरता के ऐसे कार्य जम्मू-कश्मीर में शांति हासिल करने में गंभीर बाधा बने हुए हैं।
घटनाओं की चिंताजनक समय सीमा
इन हमलों का समय विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि यह ऐसे समय में हुआ है जब जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर चर्चा चल रही है। लगातार हो रहे हमलों के बीच क्षेत्र में सामान्य स्थिति की स्थिति पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इन हमलों ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और स्थिरता के मुद्दे को सामने ला दिया है।