नई दिल्ली: अग्निपथ योजना लागू होने के बाद से ही विवादों में रही है। शुरुआत में ही विपक्षी दलों और युवाओं के एक बड़े वर्ग ने इसका विरोध किया था। अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यह भी कह दिया है कि अगर UPA गठबंधन सत्ता में आया तो इस योजना को रद्द कर दिया जाएगा।
इस बीच, खबरें हैं कि देश की सेना भी अग्निपथ योजना को लेकर एक “आंतरिक सर्वेक्षण” कर रही है। यह सर्वेक्षण योजना के प्रभाव का आकलन करने के लिए किया जाएगा, जिसके आधार पर योजना में संभावित बदलावों पर अगली सरकार के लिए सिफारिशें तैयार की जाएंगी।
सर्वेक्षण में कौन से सवाल पूछे जाएंगे?
सर्वेक्षण में अग्निवीरों, सेना के विभिन्न रेजिमेंटल केंद्रों पर भर्ती और प्रशिक्षण कर्मियों, यूनिट और सब-यूनिट कमांडरों (जिनके अधीन अग्निवीर काम करते हैं) सहित सभी हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी गई है। प्रत्येक समूह के लिए विशेष प्रश्न होंगे, जिनके उत्तरों को इकट्ठा किया जाएगा और आगे के मूल्यांकन के लिए इस महीने के अंत तक एक साथ रखा जाएगा।
इंडियन एक्सप्रेस की अमृता नायक दत्ता की रिपोर्ट के अनुसार, 10 सवालों की एक प्रश्नावली होगी जिसके आधार पर जवाब दिए जाएंगे। इनमें शामिल हैं:
- अग्निवीर सेना में क्यों शामिल होते हैं?
- वे सेना में आगे शामिल होने के लिए कितने उत्सुक हैं?
- वे देश सेवा में कितना विश्वास रखते हैं?
सामान्य जागरूकता स्तर, आवेदकों की गुणवत्ता और देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के आवेदकों के ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा पर भी सवाल होंगे।
सर्वेक्षण का उद्देश्य क्या है?
सर्वेक्षण का उद्देश्य यह पता लगाना है कि अग्निपथ योजना के कार्यान्वयन के बाद सेना में भर्ती पर क्या प्रभाव पड़ा है। योजना के पहले भर्ती हुए सैनिकों और अग्निवीरों के शारीरिक मानकों, उनके प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रतिक्रिया ली जाएगी।
यह संभावना है कि इस जानकारी के आधार पर सेना अग्निवीरों की नियुक्ति और लंबे समय में अग्निपथ योजना में संभावित बदलावों का सुझाव देगी।
अग्निपथ योजना क्या है?
अग्निपथ योजना जून 2022 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, अग्निवीर चार साल के लिए तीनों सेनाओं का हिस्सा बनेंगे। इसके बाद, चार साल के अंत में, शीर्ष 25% प्रदर्शन करने वाले अग्निवीरों को सेना में स्थायी रूप से भर्ती किया जाएगा।
कहा जाता है कि यह योजना सेना की दक्षता में सुधार करेगी और यह आने वाले समय में चुनौतियों के लिए बेहतर तैयार होगी।
विवाद
योजना के लागू होने के बाद से ही कई युवाओं ने इसका विरोध किया है। उनका तर्क है कि यह योजना रोजगार के अवसरों को कम कर देगी और सेना में करियर बनाने के उनके सपनों को चकनाचूर कर देगी।
यह भी चिंता जताई गई है कि केवल 25% अग्निवीरों को ही स्थायी रूप से भर्ती किया जाएगा, बाकी 75% बेरोजगार हो जाएंगे।
अग्निपथ योजना का भविष्य क्या है?
यह स्पष्ट नहीं है कि अग्निपथ योजना का भविष्य क्या होगा। सेना द्वारा किए गए सर्वेक्षण के परिणामों के आधार पर इसमें बदलाव किए जा सकते हैं।
यह भी संभव है कि अगर विपक्षी दल 2024 के चुनावों में जीत जाते हैं, तो वे योजना को पूरी तरह से रद्द कर सकते हैं।