यमुना जल बंटवारे की मांग को लेकर आंदोलन अब धीरे धीरे आमजन की आवाज बनता जा रहा है। झुंझुनू जिले के गांव-ढाणियों और कस्बों के लोग विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने हक के पानी की बात सरकार तक पहुंचा रहे हैं।
इसी क्रम में आज अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रतिनिधि मंडल ने नायब तहसीलदार महेन्द्र गहलोत को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधि मंडल की मांग है कि 1994 में हुए यमुना जल बंटवारे के समझौते को सरकार लागू करे।
आपको बता दें कि 1994 में केन्द्र सरकार की मध्यस्थता में पांच राज्यों के बीच समझौता हुआ था। लेकिन यमुना जल बंटवारे के इस समझौते के तहत राजस्थान के झुंझुंनू व चुरू जिले के हिस्से का पानी आज तक नहीं मिल पाया है। झुंझुनू जिले का भूजल स्तर समाप्त प्रायः होने की वजह से यहां के कृषक समुदाय के समक्ष गंभीर कृषि संकट खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने बताया कि केन्द्र सहित हरियाणा और राजस्थान में भी एक ही पार्टी की सरकार है, ऐसे में अखिल भारतीय किसान महासभा के आज के धरने की तरफ से मांग की गई है कि राजस्थान के हिस्से का पानी झुंझुनू जिले सहित शेखावाटी को उपलब्ध करवाया जाए।
इन्होंने दिया ज्ञापन
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मंडल में मुख्तयार सिंह, प्यारेलाल धायल, हवासिंह कुल्हार, बनसी, भरत सिंह कुल्हार, दीपक स्वामी, सत्यवीर सिंह मेचू, रतिराम राव, अनिल शर्मा, रमेश ढाका आदि अखिल भारतीय किसान महासभा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल थे।
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