सूरजगढ़ (झुंझुनूं): कस्बे की क्रय विक्रय सहकारी समिति पर सोमवार को डीएपी खाद के लिए बवाल मच गया। समिति द्वारा खाद वितरण का मैसेज मिलने पर अल सुबह से ही सैकड़ों किसान लाइन में लग गए, लेकिन जब खाद नहीं मिली तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। नाराज किसानों ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की, जिसके चलते मौके पर पुलिस बुलानी पड़ी। फसल बुआई के पीक सीजन में खाद की इस किल्लत ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
मैसेज पढ़कर सुबह 3 बजे से लगी थीं कतारें
किसानों का आरोप है कि उन्हें समिति की ओर से मैसेज भेजा गया था कि सोमवार सुबह दस बजे से ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर डीएपी खाद का वितरण किया जाएगा, जिसमें एक आधार कार्ड पर दो कट्टे दिए जाएंगे। फसल बुआई का समय होने के कारण किसान इस मैसेज पर भरोसा कर सुबह तीन बजे से ही समिति कार्यालय के बाहर जुटना शुरू हो गए थे। दूर-दराज के गांवों से महिलाएं, बुजुर्ग और किराए का वाहन लेकर पहुंचे किसान घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करते रहे।
भीड़ देख कर्मचारियों के फूले हाथ-पांव, गेट बंद किया
सुबह दस बजते-बजते समिति कार्यालय के सामने सैकड़ों किसानों की भीड़ जमा हो गई। इतनी बड़ी संख्या में किसानों को देखकर कर्मचारियों के हाथ-पांव फूल गए। स्थिति को नियंत्रित करने के बजाय, कर्मचारियों ने कार्यालय परिसर के बाहर लगी लोहे की रेलिंग का गेट बंद कर दिया। यह देखते ही घंटों से इंतजार कर रहे किसानों का सब्र टूट गया और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।
300 कट्टे खाद, सैकड़ों किसान, कैसे हो वितरण?
हंगामा बढ़ता देख सूरजगढ़ थाने से पुलिस बल मौके पर पहुंचा और लोगों को शांत कराने का प्रयास किया। मौके पर पहुंचे सूरजगढ़ तहसीलदार जयसिंह ने स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि समिति के पास खाद के सिर्फ 300 कट्टे ही उपलब्ध हैं, जबकि किसानों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। इस समस्या के कारण वितरण संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि खाद की और आपूर्ति के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है और उन्हें कल (मंगलवार को) आने के लिए कहा गया है, लेकिन किसान मौके पर ही खाद देने की मांग पर अड़े रहे। तहसीलदार जयसिंह ने बताया कि शाम को उच्चाधिकारियों से बातचीत कर बताया जाएगा कि अब खाद का वितरण कब किया जाएगा।
किसानों का दर्द: “किराया लगाकर आए, अब खाली हाथ लौटें?”
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि उनमें से कई लोग खाद लेने के लिए दूसरे गांवों से किराए पर वाहन लेकर आए थे। घंटों लाइन में लगने के बाद जब उन्हें खाद देने से मना कर दिया गया तो उनका गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने कहा कि फसल बुआई का समय है और खाद न मिलने से उनकी फसल बर्बाद हो सकती है। लाइन में लगे किसानों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।





