झुंझुनूं: झुंझुनूं-सीकर हाईवे पर लगने वाले जाम से परेशान लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। झुंझुनूं सांसद बृजेन्द्र सिंह ओला के निरंतर प्रयासों के बाद अब सीकर-लोहारू रेल खंड पर झुंझुनूं में स्थित समपार संख्या 265 पर दो लेन की जगह चार लेन का भव्य रेलवे ओवरब्रिज (ROB) बनाया जाएगा। रेलवे मंत्रालय ने इस पर अपनी सहमति दे दी है, और राजस्थान सरकार ने संशोधित अनुमान तैयार कर रेलवे को प्रस्तुत कर दिया है, जिससे अब निर्माण कार्य के शीघ्र शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।
सांसद ओला के निरंतर प्रयासों से मिली बड़ी सौगात
झुंझुनूं सांसद बृजेन्द्र सिंह ओला इस महत्वपूर्ण ओवरब्रिज के निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए लंबे समय से प्रयासरत थे। उन्होंने 7 अगस्त 2024 को लोकसभा में अतारांकित प्रश्न के माध्यम से सरकार से पूछा था कि क्या रेलवे के हिस्से की धनराशि की अनुपलब्धता के कारण पुल का निर्माण कार्य बंद हो गया है। इसके बाद उन्होंने 6 फरवरी 2025 को नियम-377 के तहत फिर से इस मामले को लोकसभा में उठाया और निर्माण कार्य में तेजी लाने की मांग की थी। इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप अब रेलवे मंत्रालय और राज्य सरकार के बीच समन्वय स्थापित हुआ है और परियोजना को एक बड़ा अपग्रेड मिला है।
अब राजस्थान सरकार ने भेजा 4 लेन का संशोधित प्रस्ताव
सांसद ओला को भेजे गए पत्र में रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने पुष्टि की है कि राजस्थान सरकार ने अब दो लेन पुल के स्थान पर चार लेन ऊपनी सड़क पुल (ROB) के निर्माण की इच्छा व्यक्त की है। इसके बाद, रेलवे ने राज्य सरकार को चार लेन के सामान्य व्यवस्था आरेख (GAD) के साथ संशोधित अनुमान प्रस्तुत करने का अनुरोध किया था। इस पर राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड (RSRDCNL) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 20 मार्च 2025 को संशोधित अनुमान तैयार कर लिया है, जिसे अब अंतिम मंजूरी के लिए रेलवे को प्रस्तुत किया जा चुका है।
क्या था पूरा मामला और क्यों हो रही थी देरी?
झुंझुनूं सीकर रोड़ पर रेलवे फाटक पर बन रहा यह ओवरब्रिज मूल रूप से साल 2016-17 में सीकर-लोहारू खंड पर समपार संख्या 265 के स्थान पर दो लेन आरओबी के रूप में स्वीकृत हुआ था। यह कार्य राजस्थान सरकार और रेलवे के बीच लागत साझाकरण के आधार पर किया जाना था। हालांकि, विभिन्न कारणों से परियोजना में देरी हो रही थी। अब राज्य सरकार द्वारा ही परियोजना का दायरा दो लेन से बढ़ाकर चार लेन करने के निर्णय के कारण नए सिरे से पूरी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है, जिससे भविष्य की यातायात जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।





