जयपुर/झुंझुनूं: पंचायती राज विभाग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए झुंझुनूं जिले की सूरजगढ़ पंचायत समिति की काजड़ा ग्राम पंचायत की सरपंच मंजू तंवर को पदमुक्त (Dismissed) कर दिया है। उन पर मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं बरतने का आरोप था, जो कलेक्टर की जांच में सिद्ध हो गया। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।
जल स्वावलंबन योजना में फर्जी रसीदें काटने का था आरोप
मामला मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत खेत में कुंड बनाने के लिए इच्छुक व्यक्तियों से 1200 रुपये की अंशदान राशि जमा कराने से जुड़ा है। सरपंच मंजू तंवर पर आरोप था कि उन्होंने योजना के तहत फर्जीवाड़ा करते हुए लोगों को पिछली तारीखों (Pre-dated) में रसीदें जारी कीं। इस मामले की शिकायत मिलने पर झुंझुनूं जिला कलेक्टर द्वारा एक विस्तृत जांच करवाई गई।
कलेक्टर की जांच में पाई गईं दोषी
जिला कलेक्टर द्वारा करवाई गई जांच रिपोर्ट में सरपंच मंजू तंवर को इन अनियमितताओं के लिए उत्तरदायी पाया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने पहले उन्हें निलंबित कर पंचायत में प्रशासक नियुक्त किया था। अब, पंचायती राज विभाग ने अंतिम फैसला लेते हुए उन्हें सरपंच पद से ही पदमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है।
विभाग ने जारी किए पदमुक्त करने के आदेश
पंचायती राज विभाग के उप सचिव एवं अतिरिक्त आयुक्त (जांच) त्रिलोक चंद मीणा द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि जांच रिपोर्ट और तथ्यों के आधार पर मंजू तंवर को सरपंच पद से पदमुक्त किया जाता है। विभाग ने जिला कलेक्टर झुंझुनूं को निर्देश दिए हैं कि वे मंजू तंवर के स्थान पर नियमानुसार तत्काल किसी अन्य को प्रशासक का चार्ज दिलवाकर विभाग को सूचित करें।





