लॉस एंजिलिस, अमेरिका: अमेरिका के लॉस एंजिलिस शहर में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीति के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए मंगलवार रात से शहर के प्रमुख क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया। लॉस एंजिलिस की मेयर कैरेन बास ने कहा कि यह फैसला बीते पांच दिनों से चल रहे प्रदर्शनों के दौरान हुई तोड़फोड़ और लूटपाट की घटनाओं को देखते हुए लिया गया।
कर्फ्यू शहर के मुख्य क्षेत्र के एक वर्ग मील (2.59 वर्ग किलोमीटर) इलाके में लागू किया गया है, जिसमें वह स्थान भी शामिल है जहां शुक्रवार से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यह क्षेत्र शहर के प्रशासनिक और वाणिज्यिक गतिविधियों का केंद्र माना जाता है।

कर्फ्यू उल्लंघन पर पुलिस की कार्रवाई, 20 से अधिक गिरफ्तारियां
लॉस एंजिलिस पुलिस विभाग ने कर्फ्यू के पहले दिन ही 20 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया, जो प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहे थे। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गैर-घातक हथियारों जैसे रबर बुलेट और स्टन ग्रेनेड्स का उपयोग किया।
पुलिस प्रमुख जिम मैकडॉनेल ने बताया कि शनिवार से शहर में “गैरकानूनी और खतरनाक व्यवहार” की घटनाएं बढ़ रही थीं। उन्होंने कहा,
“पूरे लॉस एंजिलिस में लगातार अशांति के माहौल को देखते हुए नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा के लिए कर्फ्यू एक आवश्यक कदम था।”
ICE एजेंटों को सुरक्षा, नेशनल गार्ड की तैनाती
कर्फ्यू के दौरान अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) एजेंसी के अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारियों के बीच नेशनल गार्ड के जवानों को तैनात किया गया। मंगलवार को पोस्ट की गई तस्वीरों में देखा गया कि नेशनल गार्ड के जवान ICE एजेंटों को सुरक्षा मुहैया कराते नजर आए।

यह तैनाती विशेष रूप से उन इलाकों में की गई है, जहां आव्रजन विरोधी भावना सबसे तीव्र है और ICE अधिकारियों को हिंसा या हमले का खतरा हो सकता है।
प्रदर्शनकारियों की मांगें और नाराजगी
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ट्रंप प्रशासन की आव्रजन नीतियां न केवल अमानवीय और विभाजनकारी हैं, बल्कि इससे अमेरिकी समाज में नस्लीय तनाव और बढ़ा है। प्रदर्शनकारियों ने बैनर और पोस्टरों के माध्यम से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा –
“हम एकजुट हैं, शरणार्थियों और आप्रवासियों के अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे।”