Saturday, June 7, 2025
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रघुराम राजन का विश्लेषण: ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को पाने के लिए चाहिए 8-9% आर्थिक वृद्धि, न कि सिर्फ़ जीडीपी रैंकिंग

नई दिल्ली: देश के पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर और विश्वविख्यात अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने इंडिया टुडे टीवी के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से खास बातचीत में भारत की अर्थव्यवस्था और उसके भविष्य को लेकर कई अहम बातें कहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है, तो उसे 8 से 9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर की आवश्यकता होगी।

राजन ने कहा, “मैं यह बात बहुत समय से कहता आ रहा हूं कि अगर भारत को 2047 तक विकसित देश बनना है, तो हमें 8, 8.5 से 9% की वृद्धि की आवश्यकता है, क्योंकि हम अभी भी अपेक्षाकृत गरीब देश हैं।”

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मजबूत GDP आंकड़ों के बीच आया राजन का बयान

राजन का यह विश्लेषण ऐसे समय आया है जब भारत ने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच 7.4% की तिमाही वृद्धि और 6.5% की वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर्ज की है। राजन ने इसे एक “प्रशंसनीय उपलब्धि” बताया, खासकर ऐसे समय में जब देश में चुनावों की वजह से सरकारी खर्च में देरी और सांख्यिकीय उतार-चढ़ाव देखा गया।

हालांकि, उन्होंने यह भी आगाह किया कि अब संतुष्ट होने का समय नहीं है। “यह भारत के लिए एक अच्छा समय हो सकता है, लेकिन हमें इसका लाभ उठाने के लिए सक्रिय रूप से नीतिगत कदम उठाने होंगे,” उन्होंने कहा।

विकास की निरंतरता के लिए क्या चाहिए?

राजन ने आगे कहा कि उच्च आर्थिक वृद्धि दर बनाए रखने के लिए तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर काम करना होगा:

  • निवेश को बढ़ावा देना
  • घरेलू खपत के दायरे को विस्तार देना
  • देशी और विदेशी निवेशकों को भरोसा दिलाना

वैश्विक अनिश्चितताओं को बताया बड़ी चुनौती

रघुराम राजन ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की संभावित वापसी, टैरिफ और वैश्विक व्यापार नीति को अस्थिरता का कारक बताया। उन्होंने कहा कि “कुछ धीमापन आने वाला है”, और यह भारतीय निवेशकों को निर्णय लेने में संकोच की ओर धकेल सकता है।

हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस वर्ष मानसून अनुकूल रहने की संभावना और ग्रामीण मांग में सुधार आर्थिक दृष्टि से राहत देने वाले संकेत हैं।

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“GDP रैंकिंग नहीं, आम नागरिक की आय है असली मापदंड”

हाल ही में आई एक रिपोर्ट में बताया गया कि भारत जल्द ही जर्मनी को पछाड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। इस पर राजन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“हमें इस पर खुशी जरूर होनी चाहिए कि हम आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन यह न भूलें कि हम औसत रूप से अब भी इन देशों से बहुत गरीब हैं। जीडीपी रैंकिंग से ज्यादा अहम है आम नागरिक की आय।”

राजन ने स्पष्ट किया कि जब तक आम नागरिक की क्रय शक्ति नहीं बढ़ती, तब तक सिर्फ रैंकिंग के आंकड़ों से असल में कुछ नहीं बदलेगा।

“भारत का समय आ गया है, लेकिन जरूरी है समावेशी विकास”

राजन ने अंत में कहा कि भारत को अब आयवृद्धि, कौशल विकास, सेवाओं में रोजगार सृजन और निर्यात के नए क्षेत्र खोजने की दिशा में संगठित प्रयास करने होंगे।

“भारत का टाइम आ गया है, लेकिन इसके लिए हमें निरंतर नीतिगत कार्रवाई करनी होगी। केवल वो विकास जिसमें सभी वर्गों को ऊपर उठाया जाए, वही हमें 2047 में विकसित राष्ट्र बनाएगा,” उन्होंने दोहराया।

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