महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्री क्षेत्र शनि शिंगणापुर मंदिर इन दिनों विवाद का केंद्र बन गया है। मंदिर ट्रस्ट द्वारा नियुक्त 114 मुस्लिम कर्मचारियों को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध का बिगुल बजा दिया है।
इस विवाद की शुरुआत मई 2025 में हुई जब मंदिर परिसर में चल रहे ग्रिल लगाने के काम में बड़ी संख्या में मुस्लिम कर्मचारी कार्यरत पाए गए। सोशल मीडिया और स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसका विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह हिंदू धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन है।

हिंदू संगठनों की आपत्ति
महाराष्ट्र मंदिर महासंघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और बीजेपी आध्यात्मिक मोर्चा समेत कई संगठनों ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम कर्मचारी मांसाहारी भोजन करते हैं और उनका मंदिर परिसर में कार्य करना मंदिर की सात्विकता और परंपरा के विपरीत है।
बीजेपी आध्यात्मिक मोर्चा के प्रमुख आचार्य तुषार भोसले ने कहा –
“शनि शिंगणापुर मंदिर न केवल एक तीर्थस्थल है बल्कि यह हिंदू आस्था का प्रतीक है। यहां पर गैर-हिंदू कर्मचारियों की नियुक्ति धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है। हम 14 जून को मंदिर के बाहर विराट मोर्चा निकालेंगे यदि इन कर्मचारियों को तत्काल हटाया नहीं गया।”
Shani Shingnapur, Maharashtra: BJP Spiritual Front chief Acharya Tushar Bhosale alleged that 114 Muslim employees at Shani Shingnapur temple hurt Hindu sentiments. A grand march by the Hindu community is planned on June 14 demanding their removal pic.twitter.com/t0npCvFUFp
— IANS (@ians_india) June 11, 2025
14 जून को आंदोलन की चेतावनी
सकल हिंदू समाज और अन्य संगठनों ने मंदिर ट्रस्ट को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि 14 जून 2025 तक मुस्लिम कर्मचारियों को कार्यमुक्त नहीं किया गया, तो विराट मोर्चा निकालकर मंदिर के सामने विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

मंदिर ट्रस्ट की प्रतिक्रिया
मंदिर ट्रस्ट की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, ट्रस्ट ने सभी नियुक्तियां संवैधानिक प्रक्रिया के तहत की हैं और धर्म के आधार पर भेदभाव करना असंवैधानिक है।
हालांकि विवाद के बढ़ते स्वरूप को देखते हुए ट्रस्ट पर सामाजिक और राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है।