पिलानी, 6 जून 2025: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पिलानी के वार्ड संख्या 6 में पानी की विकराल होती समस्या को लेकर जनजागरूकता अभियान के तहत हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व शंकर दहिया ने किया, जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “बिना पानी के पेड़ नहीं बच सकते, इसलिए पर्यावरण संरक्षण तब तक अधूरा है जब तक जल संरक्षण सुनिश्चित नहीं होता।”

शंकर दहिया ने बताया कि ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन (AIDYO) द्वारा ‘महिम’ अभियान के अंतर्गत हजारों पौधे लगाए गए थे, लेकिन क्षेत्र में पानी की भारी कमी के कारण अधिकांश पौधे जीवित नहीं रह सके। उन्होंने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी जागरूक नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों से अपील की कि इस जल संरक्षण आंदोलन को और अधिक संगठित व प्रभावी बनाया जाए।
अपने वक्तव्य में दहिया ने वर्तमान व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि “अब हमें खोखले चुनावी वादों के बजाय धरातल पर ठोस काम चाहिए। ‘अबकी बार नहर आएगी’ जैसे वाक्य अब बेमानी हो चुके हैं।” उन्होंने पिलानी क्षेत्र के जर्जर ट्यूबवेलों, गिरते भूजल स्तर और पेयजल आपूर्ति की अव्यवस्था की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि यदि अभी भी समाज जागरूक नहीं हुआ तो आने वाली पीढ़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
कार्यक्रम में विष्णु वर्मा ने भी भावनात्मक और तीखे शब्दों में कहा कि “अधिकार कभी सत्ता की मेहरबानी से नहीं मिले, हमें आज़ादी भी जन आंदोलन से ही मिली थी। यही रास्ता अब जल संकट के समाधान का भी है।”

इस अभियान में डॉक्टर रविकांत पांडे, मुस्ताक अली, राजकुमार नायक, महावीर प्रसाद शर्मा, मोहम्मद इकबाल, मोहम्मद मुराद खान और राजू सेन ने भी भाग लिया। सभी वक्ताओं ने सामूहिक प्रयासों के जरिए जल संकट का समाधान निकालने की आवश्यकता पर बल दिया और लोगों से इस मुद्दे को लेकर एकजुट होने का आह्वान किया।
इस मौके पर स्थानीय नागरिकों ने हस्ताक्षर कर जल संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और भावी रणनीतियों में भागीदारी का आश्वासन दिया।