पाकिस्तान: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बुधवार, 14 मई 2025 को सियालकोट स्थित पसरूर छावनी पहुंचे। इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, विदेश मंत्री इशाक डार और आर्मी चीफ असीम मुनीर भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री शरीफ ने यहां पाकिस्तानी सैनिकों से मुलाकात की और उनका मनोबल बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन उनके चेहरे पर तनाव और असहजता साफ नजर आई।
यह वही छावनी है जिसे भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई जवाबी कार्रवाई में गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया था। छावनी का ध्वस्त ढांचा और वहां बिखरा मलबा इस बात का प्रमाण है कि भारत की सैन्य कार्रवाई कितनी प्रभावशाली रही। यह मिलिट्री बेस लाहौर से करीब 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

शहबाज शरीफ ने इस दौरे के दौरान नरेंद्र मोदी की शैली में सैनिकों को संबोधित करने की कोशिश की, लेकिन उनकी भाषा और हावभाव में आत्मविश्वास की बजाय हार और बौखलाहट की झलक साफ दिखाई दी।
आदमपुर एयरबेस पर भारतीय प्रधानमंत्री का दौरा
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे। वहां उन्होंने भारतीय वायुसेना के अधिकारियों और जवानों से मुलाकात की। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि देश अपने सशस्त्र बलों का सदैव ऋणी रहेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि, “भारत माता की जय का घोष किस कदर गूंजता है, इसे अब दुनिया ने देख लिया है। निर्दोषों का खून बहाने वालों का अंजाम सिर्फ और सिर्फ विनाश होता है।”

ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हुआ जबरदस्त नुकसान
भारत ने 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस सैन्य कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भीतर कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक की। इसमें पाकिस्तान की सेना को बड़ा नुकसान हुआ, जिसमें अनुमानित 35 से 40 सैनिकों की मौत हुई।
इस ऑपरेशन के तहत 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया और उनके कई ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। जिन आतंकवादियों का सफाया हुआ, उनमें तीन कुख्यात नाम – युसुफ अजहर, अब्दुल मलिक राऊफ और मुदस्सिर अहमद – शामिल थे। ये तीनों लंबे समय से भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में संलिप्त थे और आईसी-814 विमान अपहरण व पुलवामा हमले में इनकी भूमिका थी। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां लंबे समय से इनकी तलाश कर रही थीं।