मलसीसर: झुंझुनूं जिले के धनुरी थाना क्षेत्र में शनिवार को एक बाल विवाह को प्रशासनिक सतर्कता और महिला संगठन की सक्रियता से समय रहते रोक दिया गया। यह कार्रवाई राजस्थान महिला कल्याण मंडल झुंझुनूं शाखा और धनुरी थाना पुलिस की संयुक्त पहल से की गई, जिसमें श्रीकृष्णपुरा जीत की ढाणी की 17 वर्षीय नाबालिग लड़की की शादी रुकवाई गई।
मामले की जानकारी मिलते ही बाल कल्याण अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने तत्काल कानूनी कार्रवाई शुरू की। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत पुलिस ने लड़की के परिजनों को हिरासत में लिया और उन्हें अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। अदालत में बाल विवाह से जुड़े कानूनों की जानकारी दी गई और इस बात का लिखित आश्वासन लिया गया कि लड़की के बालिग होने से पूर्व उसकी शादी नहीं की जाएगी।
संस्थान की प्रभारी चेतना शर्मा ने बताया कि बेटियों को आगे बढ़ने का अवसर देने के लिए समाज को बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं से मुक्त करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस माह के दौरान संस्था ने छह बाल विवाह की सूचनाएं प्रशासन तक पहुंचाईं, जिनमें से कुछ को समय रहते रोका जा सका, हालांकि कुछ मामलों में अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
इस संयुक्त प्रयास से एक बार फिर यह साबित हुआ कि यदि प्रशासन, सामाजिक संस्थाएं और आमजन मिलकर सजगता दिखाएं, तो बाल विवाह जैसे सामाजिक अपराधों पर प्रभावी रोक संभव है। अधिकारियों ने लोगों से भी अपील की कि वे ऐसी किसी घटना की जानकारी तुरंत संबंधित विभाग या हेल्पलाइन नंबरों पर दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके और नाबालिग बच्चों को सुरक्षित भविष्य मिल सके।