नई दिल्ली: दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दे दिया। गहलोत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखकर इस्तीफे की सूचना दी। उनके इस्तीफे से पहले, दिल्ली सरकार में यह दूसरा बड़ा इस्तीफा है, जब पिछले कुछ महीनों में दो मंत्रियों और दो विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी।
सीएम आतिशी ने मंजूर किया गहलोत का इस्तीफा
कैलाश गहलोत ने अपनी इस्तीफे की प्रक्रिया में मुख्यमंत्री आतिशी और अरविंद केजरीवाल को यमुना नदी की सफाई और नए सरकारी बंगले के विवाद से जुड़े मुद्दों के बारे में अपने विचार साझा किए। इसके बाद, मुख्यमंत्री आतिशी ने गहलोत का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। गहलोत के इस्तीफे के बाद पार्टी में हलचल मच गई है, क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में प्रस्तावित हैं, और इससे पहले गहलोत का पार्टी छोड़ना अहम राजनीतिक घटना मानी जा रही है।
Delhi Minister and AAP leader Kailash Gahlot resigned from primary membership of Aam Aadmi Party; writes to party national convenor Arvind Kejriwal.
— ANI (@ANI) November 17, 2024
The letter reads, "There are many embarrassing and awkward controversies like the 'Sheeshmahal', which are now making everyone… https://t.co/NVhTjXl1c2 pic.twitter.com/wVU7dSesBa
गहलोत ने क्या कहा पत्र में?
गहलोत ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि आप सरकार दिल्ली के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में नाकाम रही है। उन्होंने खासकर यमुना नदी की सफाई को लेकर पार्टी की विफलता पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “हमने दिल्लीवासियों से स्वच्छ यमुना का वादा किया था, लेकिन उस वादे को पूरा करने में हम नाकाम रहे हैं।” इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच चल रही खींचतान को भी आलोचना की, जिससे राजधानी के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। गहलोत ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र सरकार से लड़ने में बर्बाद करती है, तो दिल्ली का वास्तविक विकास संभव नहीं हो सकता।
केजरीवाल के बंगले विवाद पर गहलोत का बयान
गहलोत ने पत्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले के विवाद का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “नए बंगले जैसे कई ऐसे मुद्दे हैं, जो शर्मनाक और विचित्र हैं, और अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या हम अब भी आम आदमी की पार्टी होने का दावा कर सकते हैं।” गहलोत के इस बयान ने पार्टी की नीति और नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं, जो आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण विषय बन सकता है।
भविष्य की संभावनाएँ
कैलाश गहलोत का इस्तीफा आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है। उनके इस्तीफे के बाद, यह कयास लगाए जा रहे हैं कि गहलोत भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो सकते हैं, हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में प्रस्तावित हैं, और गहलोत के इस्तीफे ने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में हलचल मचा दी है। आम आदमी पार्टी को आने वाले समय में इस इस्तीफे के राजनीतिक प्रभाव से निपटना होगा, खासकर तब जब पार्टी का मुख्य ध्यान दिल्ली की विकास परियोजनाओं और आगामी चुनावों पर है।