अमेरिका: अमेरिका में आज के दिन इतिहास, राजनीति और समाज तीनों एक साथ चर्चा में हैं। 14 जून को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। इसी दिन अमेरिकी सेना की स्थापना के 250 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं। इस खास अवसर को चिह्नित करने के लिए राजधानी वॉशिंगटन डीसी में अभूतपूर्व सैन्य परेड का आयोजन किया गया, लेकिन यह परेड जहां एक ओर शक्ति प्रदर्शन और देशभक्ति का प्रतीक बनी, वहीं दूसरी ओर ट्रंप के विरोधियों के लिए यह ‘तानाशाही’ और ‘जनधन की बर्बादी’ का प्रतीक बन गई।

वॉशिंगटन डीसी में आयोजित भव्य परेड में 6000 से अधिक अमेरिकी सैनिकों ने भाग लिया। इस परेड में 150 से ज्यादा बख्तरबंद वाहन और 50 से अधिक लड़ाकू विमानों ने आसमान में ताकत दिखाई। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, परेड की कुल लागत करीब 350 करोड़ रुपये (लगभग 42 मिलियन डॉलर) रही।
सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए थे। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने 18 मील तक ‘एंटी-स्केल फेंसिंग’ लगाई थी, जिससे किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
"There's George Washington … on the horse that he would have rode into combat."
— ABC News Live (@ABCNewsLive) June 14, 2025
The Army's 250th anniversary parade kicks off with the Army Band and troops in revolutionary garb. https://t.co/6zIYvdbUKe pic.twitter.com/sMU5IbTXnF
जन्मदिन की आड़ में ‘छवि चमकाने’ का आरोप
ट्रंप के विरोधियों का आरोप है कि सेना की 250वीं वर्षगांठ को सिर्फ एक बहाना बनाया गया है, असल मकसद ट्रंप के जन्मदिन का भव्य आयोजन और उनकी व्यक्तिगत छवि को राजनीतिक रूप से मजबूत करना था। आलोचकों का कहना है कि अमेरिका में सैन्य परेड की कोई स्थापित परंपरा नहीं है। 34 साल बाद इस प्रकार की परेड का आयोजन किया गया है, जो कई लोगों को खटक रहा है।
देशभर में ‘No Kings’ आंदोलन
ट्रंप की नीतियों और इस परेड के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं। ‘No Kings’ नामक अभियान के तहत 1,500 से अधिक स्थानों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस आंदोलन की अगुवाई Indivisible.org जैसे सामाजिक संगठनों द्वारा की जा रही है। इन प्रदर्शनों का मुख्य संदेश है – अमेरिका किसी राजा की सत्ता नहीं स्वीकारता, न ही सैन्य ताकत से लोकतंत्र को दबाया जाना चाहिए।

मार्क रफैलो समेत कई हॉलीवुड सितारों ने इस विरोध अभियान में हिस्सा लिया। ये सितारे ट्रंप की खासतौर पर अप्रवासी नीति और प्रवासी परिवारों के अलगाव जैसे मुद्दों पर पहले से ही मुखर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #NoKings और #ResistTrump जैसे ट्रेंड्स चलाए जा रहे हैं।
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने इस परेड को अमेरिका की सैन्य शक्ति का “वैश्विक प्रदर्शन” बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन सेना की उपलब्धियों को सम्मान देने के लिए किया गया है। साथ ही उन्होंने विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सख्त चेतावनी दी कि “किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”