झुंझुनूं, 10 अक्टूबर 2024: झुंझुनूं जिले के चारणवासी गांव में बुधवार शाम को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक मजदूर ट्रक में आग लगने के कारण जिंदा जल गया। इस घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है। मृतक के परिजन और ग्रामीण प्रशासन से मुआवजे की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए हैं। परिजन ने मुआवजा मिलने तक शव लेने से इनकार कर दिया है। गुरुवार को बीडीके अस्पताल के मॉच्र्युरी के पास परिजन धरना दे रहे हैं।
बिजली विभाग की लापरवाही पर आरोप
मृतक के रिश्तेदार और पूर्व पार्षद मनोहर बाकोलिया ने बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार, गांव में 11 केवी बिजली लाइन के तार ढीले होने की वजह से यह हादसा हुआ। बाकोलिया ने कहा, “बिजली विभाग की लापरवाही के कारण हमारे परिवार ने अपना सदस्य खो दिया है। जब तक मृतक के आश्रित को एक करोड़ रुपये का मुआवजा, सरकारी नौकरी और घायलों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जाएगा, तब तक हमारा धरना जारी रहेगा। हम शव को नहीं लेंगे।”
हादसे का पूरा विवरण
यह हादसा बुधवार को हुआ जब चूरू से आया हुआ एक ट्रक चारणवासी गांव में ईंटे उतार कर वापस जा रहा था। ट्रक की छत ऊपर से गुजर रही 11 केवी बिजली लाइनों से छू गई, जिसके परिणामस्वरूप ट्रक में आग लग गई। आग इतनी तेज थी कि ट्रक में सवार चूरू निवासी लालाराम की मौके पर ही मौत हो गई, क्योंकि वह ट्रक में फंस गया था। उसके साथ मौजूद अन्य चार लोग तुरंत ट्रक से कूद गए और अपनी जान बचाने में सफल रहे।
इस हादसे में एक अन्य मजदूर गंभीर रूप से झुलस गया, जिसे तत्काल झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस और प्रशासन ने घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन परिजनों की मांगों को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।
यर भी पढ़े:- स्पीड ब्रेकर से उछलते ही 11 केवी लाइन से टकराया ट्रक: आग से पूरी गाड़ी जलकर खाक, खलासी की जलकर मौत
धरने पर परिजन और ग्रामीण
गुरुवार सुबह से ही मृतक के परिजन और ग्रामीण बीडीके अस्पताल के मॉच्र्युरी के पास धरने पर बैठे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक प्रशासन उनकी मांगों को मान नहीं लेता, तब तक वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। धरने पर बैठे लोगों ने प्रशासन से जल्द से जल्द मुआवजे की घोषणा करने की मांग की है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने धरना स्थल पर पहुंच कर परिजनों से बातचीत की, लेकिन अभी तक किसी ठोस समझौते पर सहमति नहीं बन पाई है। अधिकारियों का कहना है कि वे बिजली विभाग की लापरवाही की जांच करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। प्रशासनिक अधिकारी धरने को समाप्त करने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।