चिड़ावा: शहर में दीपावली जैसे प्रमुख पर्व से ठीक पहले नगर पालिका प्रशासन द्वारा प्रस्तावित अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर व्यापारियों और पार्षदों में गहरा आक्रोश है। व्यापारियों का कहना है कि पहले ही बाजार मंदी से जूझ रहा है और इस समय यदि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई, तो त्योहार पर उनकी जीविका पर सीधा संकट आ जाएगा।
व्यापारियों और पार्षदों ने संयुक्त रूप से इस प्रस्ताव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए उपखंड अधिकारी नरेश सोनी और नगर पालिका ईओ रोहित मिल को एक मांग-पत्र सौंपा, जिसमें अभियान को दीपावली के बाद तक स्थगित करने की अपील की गई है।
“अभियान की टाइमिंग गलत, दीपावली बाद करें कार्रवाई”
मांग-पत्र में उल्लेख किया गया कि अतिक्रमण अभियान 8 अक्टूबर से शुरू होने की चर्चा सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों में तेजी से फैल रही है। इससे व्यापारियों में असंतोष की लहर दौड़ गई है। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा कि “दीपावली हमारे लिए पूरे साल की उम्मीद का समय होता है। अगर इस वक्त दुकानें हटाई गईं, तो हमारे पास परिवार चलाने का कोई दूसरा साधन नहीं बचेगा।”
पार्षदों और व्यापारियों का कहना है कि उन्हें अतिक्रमण हटाने के अभियान पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन त्योहार के बीच में यह कदम अनुचित है। उन्होंने सुझाव दिया कि यह कार्रवाई दीपावली बाद की जाए ताकि शहर भी सुव्यवस्थित बने और व्यापारियों की रोज़ी-रोटी भी सुरक्षित रहे।
प्रशासन ने दिया सकारात्मक आश्वासन
नगरपालिका प्रशासन ने व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल से मांग-पत्र प्राप्त कर इस पर सकारात्मक विचार करने का भरोसा दिलाया है। अधिकारियों ने कहा कि त्योहार की संवेदनशीलता और व्यापारियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।
इस विरोध में अनेक पार्षद और व्यापारी शामिल रहे। विरोध दर्ज कराने वालों में पार्षद बाबूलाल, देवेंद्र सैनी, योगेंद्र कटेवा, पूर्व पार्षद मुकेश पूनिया, पार्षद मेना देवी, व्यापारी महेश हिम्मतरामका, पार्षद निरंजन सैनी, रमाकांत, लोकेश कटारिया, सुमित्रा, विनोद कुमार, मनभरी पूनिया, गंगाधर सैनी, निखिल और सत्यपाल जांगिड़ मौजूद रहे।
त्योहार पर बाजारों में रौनक लौटने की उम्मीद
व्यापारियों ने कहा कि दीपावली से पहले बाजार में ग्राहक बढ़ने की संभावना है और लोग खरीदारी के मूड में हैं। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह सौहार्द और सहयोग की भावना से निर्णय ले। सभी ने एकमत से कहा कि शहर का सौंदर्यीकरण आवश्यक है, लेकिन यह कार्य व्यापारियों की आजीविका को नुकसान पहुंचाए बिना होना चाहिए।





