खेतड़ी, 13 जून 2025: जिले के खेतड़ी कस्बे में केंद्रीय कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे के दौरे ने खेतड़ी कॉपर कॉम्प्लेक्स (केसीसी) को लेकर नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। दौरे के दौरान मंत्री ने केसीसी की खदानों, प्लांट और प्रशासनिक गतिविधियों का निरीक्षण कर संपूर्ण स्थिति की समीक्षा की। स्थानीय जनता और कर्मचारियों के बीच इस दौरे को लेकर सकारात्मक उम्मीदें देखी जा रही हैं।
मंत्री ने सबसे पहले केसीसी के मुख्य प्लांट का दौरा किया और वहां चल रहे कार्यों का जायजा लिया। इसके बाद खदान में मजदूरों को लाने-ले जाने वाली केज सिस्टम की तकनीकी और सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने प्रशासनिक भवन में अधिकारियों के साथ बैठक कर केसीसी की वर्तमान उत्पादन स्थिति, आर्थिक स्थिति और भावी कार्ययोजनाओं पर चर्चा की।

स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी मंत्री ने गंभीर रुख अपनाया। उन्होंने केसीसी अस्पताल का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और डॉक्टरों की उपलब्धता और चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने पर विचार का आश्वासन दिया। मंत्री ने कहा कि चिकित्सा सेवाएं किसी भी औद्योगिक परियोजना के लिए आवश्यक आधार होती हैं और इसमें किसी प्रकार की कमी स्वीकार नहीं की जा सकती।
इस दौरान खेतड़ी से विधायक इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर ने केंद्रीय मंत्री से केसीसी में नए प्लांट लगाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि यदि आधुनिक तकनीक से युक्त प्लांट स्थापित किया जाए, तो स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
दौरे के समय एचसीएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव कुमार और कार्यपालक निदेशक जीडी गुप्ता भी उपस्थित रहे। इन अधिकारियों ने मंत्री को केसीसी के संचालन से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी और खनन क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं को रेखांकित किया।
केसीसी के श्रमिकों से जुड़े संगठन, खेतड़ी तांबा श्रमिक संघ और खेतड़ी कॉपर मजदूर संघ ने मंत्री को एक संयुक्त ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में मजदूरों की विभिन्न मांगों जैसे वेतनमान, स्वास्थ्य सुरक्षा और सुविधाओं की बहाली जैसी बातें शामिल थीं।
मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने आश्वासन दिया कि श्रमिकों की मांगों पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा और सरकार खनन क्षेत्रों के चतुर्दिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता में खनन क्षेत्रों का समावेशी विकास है और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि मंत्री के दौरे के बाद केसीसी के पुनरुद्धार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे और लंबे समय से ठप पड़ी योजनाएं फिर से शुरू होंगी। दौरे के दौरान पूरे इलाके में प्रशासनिक हलचल और जागरूकता का माहौल देखने को मिला, जो इस क्षेत्र के भविष्य के लिए एक शुभ संकेत माना जा रहा है।
यह दौरा ऐसे समय हुआ है जब केसीसी का भविष्य अधर में लटका हुआ नजर आता था। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकारी स्तर पर इस दौरे के बाद क्या नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं और स्थानीय लोगों को इसका कितना लाभ मिलता है।