Tuesday, July 15, 2025
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खालिस्तानी नेटवर्क पर कनाडा पुलिस का सबसे बड़ा एक्शन – जी7 सम्मेलन से पहले भारत को साधने की कूटनीतिक पहल!

कनाडा: भारत-विरोधी गतिविधियों को लेकर लंबे समय तक विवादों में घिरे कनाडा ने अब अपनी नीति में बड़ा बदलाव दिखाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी जी7 सम्मेलन में भागीदारी और संभावित कनाडा यात्रा से ठीक पहले, कनाडा पुलिस ने ‘प्रोजेक्ट पेलिकन’ नाम से एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस नेटवर्क के तार खालिस्तानी गतिविधियों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े पाए गए हैं।

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479 किलो कोकीन बरामद, 47.9 मिलियन डॉलर की कीमत

कनाडा की पुलिस और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, इस ऑपरेशन में अब तक 479 किलो कोकीन बरामद की गई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 47.9 मिलियन डॉलर (करीब 400 करोड़ रुपये) आंकी जा रही है। इस ऑपरेशन में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 7 आरोपी भारतीय मूल के बताए गए हैं। ये सभी कनाडा में स्थायी रूप से बसे हुए हैं।

अमेरिका से कनाडा तक ट्रकों के जरिए ड्रग्स की तस्करी

रिपोर्ट्स में सामने आया है कि यह रैकेट मैक्सिकन ड्रग कार्टेल्स से जुड़ा हुआ है और अमेरिका से ट्रकों के जरिए ड्रग्स को कनाडा में सप्लाई करता था। इस नेटवर्क से प्राप्त फंड का इस्तेमाल खालिस्तानी आंदोलन, भारत विरोधी प्रदर्शनों, हथियारों की खरीद और जनमत संग्रह जैसे आयोजनों में किया जा रहा था।

ISI की फंडिंग, अफगान हेरोइन से लेकर अमेरिकी कोकीन तक का जाल

सबसे चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इस नेटवर्क को सीधे फंडिंग कर रही थी। खुफिया सूत्रों के अनुसार, अफगानिस्तान में उगाई जा रही हेरोइन और अमेरिका में पकड़ीनों इस अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का हिस्सा हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के खिलाफ अस्थिर

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भारत-कनाडा संबंधों की बहाली की ओर संकेत

यह कार्रवाई ऐसे समय पर हुई है जब प्रधानमंत्री मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा जाने की संभावना पर चर्चा कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि यह कदम कनाडा की नई सरकार द्वारा भारत के साथ बिगड़े संबंधों को सुधारने की दिशा में एक रणनीतिक पहल है।

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर खुलेआम खालिस्तानी तत्वों को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगे थे, जिससे दोनों देशों के रिश्ते चरम पर बिगड़ गए थे। यहां तक कि भारत ने ट्रूडो सरकार के प्रति तीव्र असंतोष जताया था।

भारत की भूमिका और कूटनीतिक जीत

प्रधानमंत्री मोदी की कनाडा यात्रा की संभावना के बीच इस तरह की कार्रवाई को राजनयिक रूप से भारत के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि नई कनाडाई सरकार भारत को यह संकेत दे रही है कि वह आतंक, अलगाववाद और ड्रग्स नेटवर्क के खिलाफ अब सख्त कदम उठाने को तैयार है।

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