नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत सीमा पार कर बड़ी कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला कर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया, जिससे पाकिस्तान को भारी सैन्य नुकसान हुआ है। इसके बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में जबरदस्त तनाव देखने को मिल रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को आधे घंटे बाद मिली जानकारी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को विदेश मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में खुलासा किया कि पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी इसके शुरू होने के करीब आधे घंटे बाद दी गई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पहले दिए गए बयान में हुई गलतफहमी को अब दूर कर दिया गया है। इससे पहले राहुल गांधी ने सवाल उठाते हुए कहा था कि ऑपरेशन शुरू होने की सूचना पाकिस्तान को पहले देना सुरक्षा चूक है और इसे “अपराध” करार दिया था।

जयशंकर के नए स्पष्टीकरण के बाद विदेश मंत्रालय ने भी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि ऑपरेशन की सूचना पहले नहीं, बल्कि कार्रवाई पूर्ण होने के बाद दी गई थी, ताकि कूटनीतिक प्रक्रिया और सैन्य रणनीति में सामंजस्य बना रहे।
चीन की भूमिका पर जयशंकर का करारा वार
जर्मनी के अखबार “Frankfurter Allgemeine Zeitung” को दिए गए एक साक्षात्कार में जब विदेश मंत्री से पूछा गया कि क्या चीन का हाथ भारत-पाकिस्तान तनाव में देखा जा सकता है, तो उन्होंने चौंकाने वाला बयान दिया। जयशंकर ने कहा:
“पाकिस्तान के पास जितने भी हथियार हैं, वे चीन के ही हैं। इससे आप काफी कुछ अंदाजा लगा सकते हैं कि पर्दे के पीछे कौन है।”
जयशंकर के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि चीन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को लगातार समर्थन दे रहा है, जिससे भारत की सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं।

‘एकजुट होने का समय है’ – विदेश मंत्रालय
जयशंकर ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि विदेश मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में न केवल ऑपरेशन सिंदूर पर बल्कि भारत की “जीरो-टोलरेंस” नीति पर भी गहन चर्चा हुई। उन्होंने लिखा:
“यह समय एकजुटता का है। हमें यह संदेश देना चाहिए कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत पूरी तरह एकमत और तैयार है।”
इस बयान से संकेत मिलता है कि सरकार राजनीतिक मतभेदों के बावजूद राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सर्वदलीय एकता का संदेश देना चाहती है।
भारत-पाक तनाव में चीन की रणनीतिक चाल
भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव के बीच चीन एक बार फिर पाकिस्तान के साथ खड़ा नजर आया है। चीन ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर भारत के सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठाए, जबकि उसने आतंकवाद पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन किया। यह स्थिति एक बार फिर भारत-चीन संबंधों में तनाव की ओर इशारा करती है, खासकर तब जब लद्दाख सीमा पर भी दोनों देशों के बीच गतिरोध जारी है।