अहमदाबाद, गुजरात: एयर इंडिया की लंदन जाने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ान AI-171 गुरुवार दोपहर एक भीषण हादसे का शिकार हो गई। अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान 625 फीट की ऊंचाई से मेडिकल कॉलेज हॉस्टल पर गिर पड़ा। इस हादसे में कुल 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई, जबकि एकमात्र जीवित बचे यात्री रमेश विश्वेशकुमार की हालत गंभीर है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दुर्घटना की भयावहता – हवा में ही टूट गया विमान
यह हादसा दोपहर 1:39 बजे उस समय हुआ जब विमान ने अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के केवल 6 मिनट बाद विमान नियंत्रण खो बैठा और शहर के निजी मेडिकल कॉलेज के छात्रावास पर जा गिरा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान दो भागों में टूट गया और उसके बाद उसमें भयंकर आग लग गई।

इस समय हॉस्टल में लंच का समय था, और छात्र भोजन कर रहे थे। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार, धुआं और मलबा ही रह गया। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, भूमिगत स्तर पर भी 11 छात्रों की मौत की पुष्टि हुई है।
241 की मौत, एकमात्र जीवित बचे रमेश की आंखों देखी आपबीती
दुर्घटना के कुछ घंटों बाद एयर इंडिया ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर बयान जारी कर कहा, “हमें खेद है कि 242 यात्रियों में से 241 की मृत्यु हो गई है। एक यात्री जिनकी पहचान रमेश विश्वेशकुमार के रूप में हुई है, का अस्पताल में इलाज चल रहा है।”
रमेश (40), ब्रिटिश नागरिक हैं जो अपने भाई अजय के साथ लंदन लौट रहे थे। वह विमान के इमरजेंसी एक्जिट के पास सीट 11A पर बैठे थे। हादसे के दौरान जब विमान नीचे गिरा, तब उन्होंने दरवाजा खोलकर छलांग लगा दी, जिससे उनकी जान बच गई। पुलिस अधिकारी विधि चौधरी ने बताया कि इमरजेंसी दरवाजे के पास बैठना निर्णायक रहा।
अस्पताल के बिस्तर से रमेश ने कहा, “जब मेरी आंख खुली तो चारों ओर लाशें थीं। मैं डर गया। खड़ा हुआ और भागा। कोई मुझे खून से सने हालत में सड़क तक लाया और फिर एंबुलेंस बुलाई गई।”
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में रमेश को सफेद टी-शर्ट में लंगड़ाते हुए सड़क पर चलते हुए देखा गया है। उनके चेहरे पर चोटें स्पष्ट हैं और पास में चिकित्सा स्टाफ उनकी मदद कर रहा है।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, भाई अजय लापता
रमेश और उनके भाई अजय विश्वेशकुमार भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे। दोनों एक साथ लंदन लौट रहे थे। रमेश के चचेरे भाई अजय वालगी, जो ब्रिटेन के लीसेस्टर में रहते हैं, ने BBC को बताया, “रमेश ने सिर्फ कहा कि वह जिंदा हैं। उनके भाई की कोई जानकारी नहीं है। पूरा परिवार गहरे सदमे में है।”
रमेश विवाहित हैं और उनका एक बेटा है।

जांच एजेंसियां जुटीं – ब्लैक बॉक्स बनेगा हादसे की कुंजी
दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए भारत की विमान दुर्घटना जांच एजेंसी AAIB और अमेरिका की NTSB संयुक्त रूप से काम कर रही हैं।
ब्लैक बॉक्स की तलाश और डेटा विश्लेषण से यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि यह हादसा तकनीकी खराबी, मानव त्रुटि, इंजन फेलियर या आतंरिक संरचना विफलता के कारण हुआ।
विशेषज्ञों के अनुसार, चूंकि यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला बड़ा घातक हादसा है, इसलिए इसकी जांच में समय लग सकता है। DGCA ने कहा कि उड़ान भरने के दौरान मौसम सामान्य था और कोई चेतावनी नहीं मिली थी।
प्रधानमंत्री ने जताया शोक, एयर इंडिया पर उठे सवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा शोक जताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं।
वहीं, एयर इंडिया की उड़ान सुरक्षा प्रक्रियाओं और विमान में संभावित तकनीकी गड़बड़ियों को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।